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करवा चौथ 2025:आज चंद्रमा इस टाइम निकलेगा! करवा चौथ की रौनक और चंद्रोदय का इंतजार

करवा चौथ 2025

करवा चौथ 2025 आज का दिन तो जैसे पूरे देश में जश्न का माहौल घोल रहा है। करवा चौथ का त्योहार – वो पावन व्रत जो पत्नियां अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए रखती हैं, और शाम ढलते ही चंद्रमा के दर्शन का बेसब्री से इंतजार करती हैं। 10 अक्टूबर 2025 को यह त्योहार मनाया जा रहा है, और हर तरफ सजी-संवरी महिलाओं की चहल-पहल, सोलह श्रृंगार की चमक, और चंद्रमा के उदय का रोमांच है।

 

करवा चौथ 2025

 

लेकिन सवाल वही पुराना – आज चंद्रमा कितने बजे निकलेगा? अगर आप दिल्ली, नोएडा या आसपास के शहरों में हैं, तो अच्छी खबर: चंद्रोदय का समय शाम 8:13 बजे के आसपास है। यह समय शहर के अनुसार थोड़ा-बहुत बदल सकता है, लेकिन करवा चौथ की चांदनी रात हर जगह एक जैसी ही रोमांटिक और आध्यात्मिक होगी।इस ब्लॉग पोस्ट में हम न सिर्फ आज के चंद्रोदय के समय की बात करेंगे, बल्कि करवा चौथ की परंपराओं, चंद्रमा के वैज्ञानिक रहस्यों, और इस त्योहार के सांस्कृतिक महत्व को भी खंगालेंगे। करवा चौथ 2025: चंद्रोदय का समय और शहर-वार विवरणकरवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, और 2025 में यह ठीक 10 अक्टूबर को पड़ रही है। यह व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होकर चंद्र दर्शन तक चलता है। चंद्रमा के उदय का समय हर शहर में ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित होता है, जो अक्षांश-देशांतर पर निर्भर करता है। दिल्ली-एनसीआर में चंद्रोदय शाम 8:13 बजे होने की उम्मीद है, जो नोएडा के लिए भी समान है।वहीं, चंडीगढ़ में यह थोड़ा पहले, लगभग 8:10 बजे के आसपास दिख सकता है। और पुणे में 8:52 बजे चंद्रमा की पहली किरणें दिखेंगी।अगर आप लखनऊ या कानपुर जैसे उत्तर प्रदेश के शहरों में हैं, तो चंद्रोदय का समय दिल्ली जैसा ही, 8:15 बजे के करीब रहेगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, पूरे देश में औसतन 8:36 बजे चंद्रोदय हो सकता है, लेकिन लोकल मौसम और प्रदूषण के कारण वास्तविक दृश्य में थोड़ा अंतर आ सकता है। तो, शाम को छत पर या खिड़की से नजरें रखिए – चांदनी रानी का स्वागत करने को तैयार रहिए!

यह समय जानना क्यों जरूरी? क्योंकि करवा चौथ का व्रत चंद्रमा के दर्शन पर ही समाप्त होता है। महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर, छलनी से झांककर पति के चेहरे का दर्शन करती हैं, और फिर व्रत खोलती हैं। आज का यह इंतजार न सिर्फ धार्मिक है, बल्कि रोमांस से भरा भी। सोशल मीडिया पर #KarwaChauthMoonrise ट्रेंड कर रहा है, जहां महिलाएं अपनी सज-धज की फोटोज शेयर कर रही हैं।चंद्रमा का वैज्ञानिक रहस्य: क्यों हर रात अलग-अलग समय पर उगता है?चंद्रोदय का समय जानने के पीछे विज्ञान भी छिपा है। चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है, जो हमेशा पूर्व से उदय होता है और पश्चिम में अस्त जाता है। लेकिन इसका समय हर दिन 50 मिनट लेट होता जाता है, क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर 27 दिनों में एक चक्कर लगाता है।

10 अक्टूबर 2025 को यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, जब चंद्रमा आधा-खाली (चतुर्थी तिथि) होगा – ठीक करवा चौथ के लिए परफेक्ट, क्योंकि पूर्णिमा की चांदनी से पहले की यह चांदनी रहस्यमयी लगती है।वैज्ञानिक रूप से, चंद्रोदय का समय अक्षांश पर निर्भर करता है। दिल्ली जैसे उत्तरी गोलार्ध के शहरों में सूर्योदय के करीब 12 घंटे बाद चंद्रमा उगता है। नासा के अनुसार, चंद्रमा की दूरी पृथ्वी से औसतन 3,84,400 किलोमीटर है, और इसकी सतह पर क्रेटरों की वजह से यह चांदी जैसी चमकती है। लेकिन प्रदूषण और मौसम के कारण, शहरों में चंद्र दर्शन मुश्किल हो जाता है। आज दिल्ली में मौसम साफ रहने की संभावना है, तो चंद्रोदय का मजा ले पाएंगे।चंद्रमा न सिर्फ रोमांस का प्रतीक है, बल्कि विज्ञान का भी चमत्कार।

अपोलो मिशन ने इसे छुआ, और आज चंद्रयान-3 की सफलता से भारत गर्वित है। करवा चौथ पर चंद्रमा को देखते हुए सोचिए – यह वही चंद्रमा है जो अरबों सालों से पृथ्वी को संतुलित रखता है, ज्वार-भाटा पैदा करता है।करवा चौथ की परंपराएं: चंद्र दर्शन से पहले की रस्मेंकरवा चौथ की शुरुआत सरगी से होती है – सुबह सूर्योदय से पहले मां का आशीर्वाद लेकर रखा जाने वाला पहला भोजन। फिर दिन भर निर्जला व्रत, और शाम को पूजा। करवा – मिट्टी का छोटा घड़ा – में चंद्रमा को अर्घ्य चढ़ाया जाता है। कथा सुनाई जाती है – वीरिनी की कहानी, जहां बहू ने सास को धोखा देकर चंद्र दर्शन कराया, लेकिन पति की मृत्यु हो गई। नैतिक: सत्य का पालन।

करवा चौथ 2025 आज की महिलाएं न सिर्फ परंपराओं को निभा रही हैं, बल्कि मॉडर्न टच भी दे रही हैं। कुछ योगा से व्रत की थकान मिटा रही हैं, तो कुछ ऑनलाइन पूजा किट खरीद रही हैं। चंद्रोदय के समय, छलनी से चंद्र दर्शन के बाद पति को टीका लगाना – यह पल तो जैसे जिंदगी का सबसे सुंदर क्षण! पुरुष भी अब साथी की भावनाओं को समझते हैं, उपहार देते हैं।सांस्कृतिक रूप से, करवा चौथ उत्तर भारत का त्योहार है, लेकिन बॉलीवुड की वजह से पैन-इंडिया हो गया। ‘कभी खुशी कभी गम’ से लेकर ‘दबंग’ तक, हर फिल्म में यह चित्रित है।

 

करवा चौथ 2025

 

आज चंद्रोदय के इंतजार में पड़ोसनें मिलकर गीत गा रही होंगी – “चंदा मामा दूर के, पूरे चांद का टुकड़ा लाओ ना…”चंद्रमा और भारतीय संस्कृति: अमावस्या से पूर्णिमा तक का सफरभारतीय संस्कृति में चंद्रमा देवता है – सोमराज। शिवलिंग पर चंद्रमा का अर्धचंद्र, भगवान कृष्ण का चंद्रवंशी होना – सब इसके महत्व को दर्शाता है। करवा चौथ पर चंद्रमा को जल चढ़ाना पापों से मुक्ति देता है। ज्योतिष में चंद्रमा मन का कारक है, इसलिए इस दिन व्रत रखना मानसिक शांति लाता है।वैदिक काल से चंद्रमा कैलेंडर का आधार है।

तिथियां चंद्रमा की कलाओं पर निर्भर। आज की चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा की कमी आधी है, जो त्योहार की उदासी-खुशी के मेल को दर्शाती है। पर्यावरण के लिहाज से, चंद्रमा ज्वार पैदा कर समुद्र को साफ रखता है। लेकिन शहरीकरण से चंद्र दर्शन कम हो रहा – आज 8:13 बजे नजरें ऊपर उठाइए, शायद कोई तारा भी दिखे!निष्कर्ष: चंद्रोदय का जादू – प्रेम और आस्था का मिलन10 अक्टूबर 2025 का चंद्रोदय न सिर्फ समय है, बल्कि भावनाओं का उदय भी। दिल्ली में 8:13 बजे, मुंबई में 8:55 बजे – यह चांदनी रात हर दिल को छू लेगी। करवा चौथ हमें सिखाता है – प्रेम में त्याग, विश्वास में धैर्य। आज शाम, जब चंद्रमा मुस्कुराएगा, तो व्रत खोलकर मिठाई बांटिए, और जीवन के सुख को सेलिब्रेट कीजिए।

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